ये रात न बीते कभी…
ये रात न बीते कभी…
दिन के उजालों में
चैन कहाँ मिलता है
ज़िन्दगी रुकती नहीं
वक्त बस चलता है
ये उजाले न जीते कभी
ये रात न बीते कभी…
खामोशियों की रागिनी है
मुस्कानों के कारवाँ हैं
अरमानों की महफ़िलें हैं
एहसासों की दासताँ है
ये सिलसिला न टूटे कभी
ये रात न बीते कभी…
सुबह तो होनी है
इसे किसने रोका है
मिलन के बाद बिछड़ना
ये तो तय हमेशा है
फिर भी दुआ करें
सुबह न हो कभी
ये रात न बीते कभी
ये रात न बीते कभी…
– पवन अग्रवाल
(यह एक फिल्म गीत है, जो मैंने एक समय अपनी प्रोफाइल बनाने और संगीतकारों को दिखाने के लिए लिखा था. आशा है आपको पसंद आया होगा. कृपया अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य दें)
2 Comments
Bhut khub
all the best
Thanks a lot Priya.