07/01/2021

कोई भी बात हो, थोड़ा सा मुस्कुरा दो!

कोई भी बात हो, थोड़ा सा मुस्कुरा दो!हाँ, सबकुछ अच्छा हैऔर जो नहीं है, वो भी अच्छा हो जाएगाहर बिगड़ी बात को बनने का मौका दोकोई […]
14/01/2021

वो चोंच…

वो नन्हीं सी चोंच जो आसमान की ओर उठी इंतज़ार करती थी अनाज के एक दाने का  कोई था, जो उसके लिए फ़िक्रमंद था जो दौड़-दौड़ […]
14/01/2021

शुकर कर, फिकर न कर…

मौसम ज़रूर खिज़ा का है, पर इसमें तू और भी निखर चलता चल, के तू अकेला नहीं तेरे साथ कारवाँ है डर तो बहुत है, रात […]