04/02/2021

व्यंग्य

व्यंग्य, हास-परिहास, मज़ाक, हँसी, ठिठोली, गुदगुदी, चुटकी… ये सब एक तो नहीं, पर बहुत कुछ मिलते-जुलते हैं. ये सभी कहीं न कहीं हमारी ज़िन्दगी के बोझ […]
12/03/2021

बड़ा धारदार है ‘उधार’!

उधार… ऋण… लोन… ये शब्द बड़े सरल, सुहाने और भोले लगते हैं और आम आदमी को आकर्षित भी करते हैं, क्योंकि इन शब्दों को सुनकर एक […]