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Pawan
14/01/2021
तू जो यूँ मुस्कुराने लगी है
तू जो यूँ मुस्कुराने लगी है,ज़िन्दगी मुझे हँसाने लगी है.कब से था मुझे इंतज़ारकब से था मैं बेकरारकब से ना सोया था मैंजाने कहाँ खोया था
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14/01/2021
ये रात न बीते कभी
ये रात न बीते कभी…ये रात न बीते कभी… दिन के उजालों मेंचैन कहाँ मिलता हैज़िन्दगी रुकती नहींवक्त बस चलता हैये उजाले न जीते कभीये रात
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14/01/2021
आँखों में अब ख्वाब नहीं सन्नाटा है
आँखों में अब ख्वाब नहीं सन्नाटा हैजाने किसने हम दोनों को बाँटा है… बस इतनी सी बात, कि मिलकर रहना हैबस इतना सा ख्वाब, कि संग-संग
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