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Pawan
14/01/2021
तू जो यूँ मुस्कुराने लगी है
तू जो यूँ मुस्कुराने लगी है,ज़िन्दगी मुझे हँसाने लगी है.कब से था मुझे इंतज़ारकब से था मैं बेकरारकब से ना सोया था मैंजाने कहाँ खोया था
[…]
14/01/2021
अब तू ही दुआ बन गई है
तू दुआओं में नहीं,अब तू ही दुआ बन गई है.क्या रोज़ा, क्या सजदा, क्या इबादत करूँ खुदा की,एक काफ़िर को हर शै मिल गई है,अब तू
[…]
14/01/2021
आँखें सीख रही हैं मिलना
आँखें सीख रही हैं मिलना,धीरे-धीरे, चुपके-चुपके!कलियाँ सीख रही हैं खिलना,धीरे-धीरे, चुपके-चुपके!रातों की सरगोशी में अबधुन कोई मीठी बजती हैदिन में धूपें गुनगुन करतीसाँझ ढले दुलहन सजती
[…]
14/01/2021
शुकर कर, फिकर न कर…
मौसम ज़रूर खिज़ा का है, पर इसमें तू और भी निखर चलता चल, के तू अकेला नहीं तेरे साथ कारवाँ है डर तो बहुत है, रात
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