07/01/2021

छोटे भाई

ये जो छोटे भाई होते हैंये ही हमें बड़ा बनाते हैंये मुट्ठी से रेत की तरह फिसलते हैंकभी पीछे, तो कभी बहुत आगे-आगे चलते हैंये छोटे […]
07/01/2021

बस इतनी सी चाहत है

कोई थाम ले उंगली, बस इतनी सी चाहत हैकोई राह दिखा दे, बस इतनी सी चाहत हैअंधेरे कशमकश के बहुत गहरे हैंउम्मीद के बुझे दीए कोकोई […]
07/01/2021

बुझे हुए दीये

बुझे हुए दीये से रोशनी तो नहीं मिलती पर मिलते हैं रोशनी के निशान जो रह गए हैं उसके होठों पर कालिख बनकर ध्यान से सुनो कितना कुछ कहता […]
07/01/2021

मेरा भी तो संडे है

मेरा भी तो संडे है केवल तुम ही क्यों हो भाई, मैं भी तो इंसान हूँ. मेरे भी अरमान हैं, मेरा भी घर-बार है, बीवी-बच्चे, मम्मी-पापा, […]